भारत के बाहर जितने लोग काम करते हैं, वहां से जो आय आती है, उसको लक्ष्य करके राष्ट्रपति ट्रंप ने 5 प्रतिशत का टैक्स लगाया है, जिसे आम तौर पर Remittance Income Tax मिलती है।
USA President Donald Trump Imposed 5% Remittance Income Tax
जो लोग भारत के नागरिक हैं मगर अमेरिका में काम करते हैं, जिनको एकरूप में एनआरआई कहते हैं मतलब गैर निवासी भारतीय, राष्ट्रपति ट्रंप ने 12 मई 2025 को उनपर लागू कर दिया जो लोग भारत के नागरिक हैं मगर अमेरिका के नागरिक नहीं हैं वो जितना डॉलर भारत देश या अन्य देश में वेन्गे अनपर लागे आब से 5 प्रतिशत का Remittance income tax।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने 2017 साल का यूनाइटेड स्टेट्स का टैक्स कट या नौकरी की कानून को मजबूर करने के लिए बनाया था। 2028 साल तक स्टैंडर्ड डिडक्शन मे बारोटी या चाइल्ड टैक्स क्रेडिट मेय $2,500 तक क्रेडिट मिलेगा, राष्ट्रपति ट्रंप ने एस्का समर्थन जताया या ईएस कानून को “महान” बोल कर समर्थन किया ओरे इस कानून को बहुत जल्दी लागू करने के लिए तैयार की जाएगी।
एशिया से सबसे ज्यादा पैसा मे लोगो अमेरिका मे काम करता है लेकिन राष्ट्रपति ट्रम्प लगाएंगे अमेरिका की सिमा को या वी जादा मुजबुथ करके के लिए। सभी टैक्स से आया डॉलर जितने अमेरिका के वैध आप्रवासी हैं उन्हें, सबसे पहले अमेरिका से आया डॉलर ट्रांसफर बिना टैक्स के।
राष्ट्रपति ट्रंप मुलरूप ने कहा कि अमेरिका से जाने वाला हर एक चीज पर भारी टैक्स लगा रहा है, एकरो की हिसाब से भारत को मिला है 83 अरब अमेरिकी डॉलर सिर्फ रेमिटेंस की कमाई, बहुत अच्छा खास प्रभाव पड़ेगा। अब से नया रेमिटेंस टैक्स कानून कि बदले में 1 लाख रुपये पर 5000 रुपये तक टैक्स देना पड़ेगा, जो भारत की आम जनता पर हो सकता है।
अमेरिका में कोई कानून लागू होने से पहले हाउस ऑफ कांग्रेस या सीनेट पहले समीक्षा करता है, कांग्रेस हाउस एर लोकहे 26से मे मेमोरियल डे बिल पास किया जा सकता है या सीनेट कमेटी में वोट वी हो सकता है। 4 जुलाई को बैंक टैक्स कलेक्ट करना शुरू कर सकते हैं। सूत्र से पता लगा है।
रेडिट जो एक अनाम प्लेटफॉर्म है उसपर देखा गया तिबरा निंदा काफी लोग बोल रहे हैं कि सिर्फ 5% का टैक्स सिर्फ नॉन रेजिडेंट इंडियंस के ऊपर नहीं आनेवाला सबके ऊपर वी लागू हो सकता है। यह लालची, गैर-जिम्मेदार अमेरिकी सरकार द्वारा लोगों की गाढ़ी कमाई चुराने का एक नया रूप है!”
एक अन्य टिप्पणीकार ने कहा, “कानूनी स्थिति वाले लोग इससे प्रभावित नहीं होते।” इसलिए, यह H1, F1, आदि के लिए चिंता का विषय नहीं है। जब तक आप धन प्रेषण सेवा प्रदाता को अपनी कानूनी स्थिति का प्रमाण दे सकते हैं, तब तक आपको कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
एक उपयोगकर्ता ने टिप्पणी की, “हां, इसका प्रभाव मुख्यतः सम्पूर्ण एनआरआई समुदाय पर पड़ेगा… साथ ही, 5% कर क्रेडिट प्रदान करने से अमेरिकी व्यक्ति विदेश में धन भेजने या खर्च करने से हतोत्साहित होंगे।”